Tuesday, December 31, 2024

एक बीज में बरगद देखा

 कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।

रोज रोज ये सूरज कैसे, पूरब से उग जाता है।
सुबह गुलाबी दिन मे तपता, शाम को ये डूब जाता है।
रात को कैसे जा छिपता है, अनजाने ये सरहद देखा,
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।

पानी में मछली रहती क्यों? पर चिड़िया इसमें मरती क्यों?
सर्प सरकता रेंग रेंग कर, छिपकीली छत पे चढ़ती क्यों?
कोयल कूके बाग में आके,मकसद क्या अनजाने देखा।
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।

नाजाने क्या मकसद देखा, एक बीज में बरगद देखा।


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