Saturday, December 28, 2024

रामलीला मैदान पे हुई सनतन की भीड़

 

रामलीला मैदान पे ,हुई सनतन की भीड़,

भूखे प्यासे अन्ना बैठे, जनता बड़ी अधीर।

 

जनता बड़ी अधीर कि कैसे देश बने महान ?

किरण, मनीष, विश्वास सकल करते जाते गुणगान।

 

करते जाते गुणगान किया फिर तुमने ऐसा वार,

किरण, प्रशांत चलते बने करने और व्यापार।

 

ओ अरविन्द ओ स्वामी तेरी कैसी थी वो माया,

बड़ी चतुराई से यूज किया कैसे बूढ़े की काया।

 

लोकपाल के नाम पे कैसे बना जनता को मुर्ख,

शेखचिल्ली से सूखे गाल अब बने लाल व सुर्ख।

 

बने लाल व सुर्ख कि अब देख रहा जग सारा,

कभी टोपी कभी पगड़ी पहने केजरी देख हमारा।

 

केजरी देख हमारा नहीं था कभी आदमी आम,

अन्नाजी के नाम पे खुद की सजा रहा था दुकान।

 

सजा रहा था दुकान बन गया तू दिल्ली का लाल,

और बेचारे अन्ना सटके देख बुरा है हाल।

 

देख बुरा है हाल फटा है लोकपाल का पन्ना.

हो गई बेजार क्रांति चूस अन्ना जी का गन्ना।


 

No comments:

Post a Comment

My Blog List

Followers

Total Pageviews