मेरी
जिन्दगी की नाव का पतवार प्रियतम तू बनो।
इस जिन्दगी
की राह का कर्णधार साथी तू बनो।
जब प्रेम की
एक बूंद खातिर प्यास से तड़पा करूँ।
मेरे लिए
बरसात मुसलाधार साथी तू बनो ।
इस जिन्दगी
में कष्ट का पतझड़ हमेशा आ रहा,
तो मन की
दुनिया में सरस ऋतुराज हे प्रिय, तू बनो।
मन को व्यथा
के ताप से तपता दिवस झुलसा रहा,
मेरे लिए अब
चाँदनी की रात साथी तू बनो।
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