नेह लगइहअ
(हृइय भाव)
मन तू जग से
नेह लगइहअ
अजगर लिपटत
रहत मलय से सावधान हो रहिहअ ।
तनिक ना विष
व्याप्त चंदन में वेसे ही बन जइहअ ।॥
पाक कीच में
कमल खिलेला देख के हे मन बुझिहअ।
फिर भी
निर्मल कमल रहेला अपना के समझइहअ ॥
इ दुनिया
काजल के घर बा जिनगी ठीक बितइहअ ।
"आशावादी" दाग न लागे हरदम
देहु बच इह्अ ।।
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