Sunday, December 8, 2024

मन तू जग से नेह लगइहअ

 

नेह लगइहअ (हृइय भाव)

मन तू जग से नेह लगइहअ

अजगर लिपटत रहत मलय से सावधान हो रहिहअ ।

तनिक ना विष व्याप्त चंदन में वेसे ही बन जइहअ ।॥

पाक कीच में कमल खिलेला देख के हे मन बुझिहअ।

फिर भी निर्मल कमल रहेला अपना के समझइहअ ॥

इ दुनिया काजल के घर बा जिनगी ठीक बितइहअ ।

"आशावादी" दाग न लागे हरदम देहु बच इह्अ ।।

 

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