भारत में
रहने वाले सब इस मातृभूमि के प्यारे हैं ।
हम कोटि
कोटि भारतवासी सबके नयनों के तारे हैं।
गिरिजाघर या
मंदिर वाले, सिख बोद्ध
हो या मस्जिद वाले,
ये भिन्न
वेश भाषा वाले, सब एक देश
के प्यारे हैं । भारत'
इसकी धरती
कहती हमसे, माता सा
प्यार करो मन से,
अर्पित कर
दो सब तन मन से, भारत के सभी
दुलारे हैं । भारत'
नदियों की
धाराएँ सोहें, हिम गिरि
चाँदी सा मन मोहे,
बन बाग
बगीचा सब सोहें, सब एक एक से
न्यारे हैं । भारत"
हम प्रेम में बंध जाएँ, सब प्रगति राह पर चल पाएँ,
आये सब
मिलकरके गायें, भारत के सभी
हमारे हैं । भारत"
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