Sunday, December 22, 2024

पॉलिटिकल हथियार की तरह

ये इश्क नही मेरा , पॉलिटिकल हथियार की तरह । छोडो भी शक करना , किसी पत्रकार की तरह । तेरी पलकों की मैंने जो , छांव पायी है । मेरी सुखी सी बगिया में, हरियाली छाई है । तेरा ये हंसना है या की , रुनझुन रुनझुन । खनखनाना कोई , वोटों की झंकार की तरह । ये इश्क नही मेरा , पॉलिटिकल हथियार की तरह । हर पॉँच साल पे नही , हर रोज वापस आऊंगा । तेरी नजरों के सामने हीं, ये जीवन बिताउंगा । अगर कहता हूँ कुछ तो , निभाउंगा सच में हीं । समझो न मेरा वादा , चुनावी प्रचार की तरह । ये इश्क नही मेरा , पॉलिटिकल हथियार की तरह । जबसे तेरे हुस्न की , एक झलक पाई है । नही और हासिल करने की , ख्वाहिश बाकी है । अब बस भी करो ये रखना दुरी मुझसे । जैसे जनता से जनता की सरकार की तरह । ये इश्क नही मेरा , पॉलिटिकल हथियार की तरह । बड़ी मुश्किल से गढा ये बंधन , इसे बनाये रखना । पॉलिटिकल अपोनेनटो से , इसे बचाये रखना । बस फेविकोल से गोंद की , तलाश है ऐ भगवन। कि टूटे न रिश्ता अपना , मिली जुली सरकार की तरह । ये इश्क नही मेरा , पॉलिटिकल हथियार की तरह । फंसी जीवन की नैया मेरी , बीच मझधार की तरह । ना बनो सहारा विपक्षी सरकार की तरह ।

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