हाथवा में
माला लेले बोले दुलहिनिया,
सुन स्वामी
वचन हमार हे ।
तहरे ही
घरवा के घरवा बनइबअ,
बनि जाईह घर
के सिंगार हे ।॥।
सुख दुख
जिनगी में जबन जवन अइहें,
साथ देहब
हरदम तोहार हे ।
आपना ही
महवा से माँग मत दहज वा,
बनि जाइब
प्राण के आधार हे |।
प्रेमवा के नदिया
में दुलहा नहुइले,
दिहले उ सिरवा झुकाय हे ।।
रंगे रंगे
फूलबा के माला पहिरवली,
दुलहा के मन
मुसकाय हे ।
खुशिया से
अँखिया से ढ रकेला लोरवा,
माई बाबू देले आशीर्वाद हे ॥
'आशावादी, मंचवा पर सोहेला बियाहवा,
सबकर हृदया जुड़ाय हे ॥।
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