Friday, November 8, 2024

कैसे जीते ये इंसान

 

कैसे जीते ये इंसान कैसे जीते ये इंसान ।

पेट की ज्वाला इन्हें सताती, हो जाते हैरान ।

सड़कों का जूठन खाकर तब करते अपना त्राण ।।

जिनके घर में मौज उड़ाते, बिस्कुट खाते श्वान ।

उनके कारण सिसक सिसक कर जीते ये बेजान ॥

भूख नहीं मिटती तो ये हो जाते हैं परेशान ।

पेट बाँधकर सो जाते ये कोटि कोटि इन्सान ॥

नेता, सन्त न कोई मूल्ला देते इनपर ध्यान ।

हाय रे मानव, हाय री दुनिया, हाय रे हिन्दुस्तान।॥।

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