Wednesday, November 6, 2024

एक नहीं लाखों के घर में ऐसी ही परेशानी है

 

एक नहीं लाखों के घर में ऐसी ही परेशानी है।

दवा बिना मर गया कहो कैसी यह दुखद कहानी है।

झूठे को जो साथ न देता, भले ही आधा खाता है।

उसका भाई दवा बिना देखो यों ही मर जाता है।।

उनकी पूजा व्यर्थ है जो लेता ऐसी कुर्बानी है

धर्मनिष्ठ मानव की दुनिया नित दिन पूजा करती है।

तड़प रही मानवता तो भी उधर न दृष्टि करती है।

दुखियों के दुख का कारण उन ढोंगियों की शैतानी है।

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