Wednesday, November 6, 2024

देश में नए विधान की



आन पड़ी है आज जरूरत, 
देश में नए विधान की,

नए समय में नई समस्या , 
मांगे नए निदान की।

कभी गुलामी की बेड़ी थी ,
अंग्रेजों का शासन था,

इतिहास का काला पन्ना, 
वो काला अनुशासन था।

गुलामी की जंजीरों को, 
जेहन में रख क्या होगा?

अंग्रेजों से नफरत की, 
बातों को रख कर क्या होगा?

इतिहास में जो चलता था, 
आज भी वो ही जरूरी हो,

भूतकाल में जो फलता , 
क्या पता आज मजबूरी हो।

आज सभी को साथ मिलाकर ,
रचने नए प्रतिमान की,

यही वक्त है गाथा लिखने, 
भारत देश महान की।

अजय अमिताभ सुमन 

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