Wednesday, November 6, 2024

अपने हृदय की पीड़ कहो कैसे बताऊँ ऐ प्रिये

 

अपने हृदय की पीड़ कहो कैसे बताऊँ ऐ प्रिये ।

प्यासे नयन की प्यास मैं कैसे मिटाऊँ ऐ प्रिये ।।

जी चाहता तुम्हें सदा मैं साथ ही रखा करु,

स्नेह का मधु पान कर प्रसन्न हो चखा करूँ,

अतृप्त मन हो शान्त, निज को क्या सिखाऊँ ऐ प्रिये।

मछली तड़पती, जाल में, जल भाग जाता छोड़कर,

पर मीन तो जीती नहीं, पानी से नाता तोड़कर,

इच्छा है तुमसे मीन सा ही दिल लगाऊँ ऐ प्रिये ।

इस व्यग्र मन की प्रार्थना है, भूल मत जाना मुझे,

यह अर्ज मेरा बार-बार, स्मृत रखना तू मुझको,

हृदय में है आसन बड़ा, आओ बैठाऊँ ऐ प्रिये ।

 

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