घरवा में
आइल बा बहार,
अइले
दुअरिया पर दुलहा दुलहिनिया,
सजनवा रे
घरवा में आइल बा बहार ।
शोभेला
दुलहा के गलवा में मालवा,
सजनवा रे
दुलहिन के शोभे गले हार ।
मने मने
सोचे लगली दुलहा के माई,
सजनवा रे
हृदया जुड़इले हमार ।
मने मने
सोचे लगले दुलहा के बाबूजी,
सजनवा रे मन
मुसकाएला हमार ।
दान दहेजवा
के नइखे पियासवा,
सजनवा रे
दुल्हिन ह प्राण के आधार।
'आशावादी' खुशिये में लिख तारे गानवा,
सजनवा रे
बहुू हुई घर के सिंगार ।
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