Wednesday, November 6, 2024

आज त बुझाता फेनू होहिहें लड़ाई



आज त बुझाता कि होहिहें लड़ाई,
सासवा पतोहवा में फेनू से भिड़ाई।
बड़ा दिन से हामार मनावा उदास रहे,
सासवा पतोहवा में भिड़ंत के प्यास रहे।
देखतानी आज फेनु बादल घूम आवता,
आपन पढ़ाई के बड़ाई खूब करावता।
सासू मुख आपन बड़ाई सुन खूबी आज,
बुझाता पतोह में आगी लागी खूब आज।
फेनू दूनी जानी आके हमके बतहिहें,
बानरा के दू बिलाई पंचवा बनाहिहें।
कवि कभी माता जी के कभी त लुगाई,
कभी हेने कभी होने करी तब बड़ाई।
ट्विटर फेसबुकावा पर माजा बड़ा आई,
लगता कवि के दिल मिलिहें मिठाई।
सासवा पतोहवा में फेनू से भिड़ाई,
आज त बुझाता निक होहिहें लड़ाई।


अजय अमिताभ सुमन 

No comments:

Post a Comment

My Blog List

Followers

Total Pageviews