प्रति रोध का टिक जाना हीं,
अवरोधित श्रम दान नहीं,
एक फूल का मिट जाना हीं,
उपवन का अवसान नहीं।
जिन्हें चाह है इस जीवन में,
स्वर्णिम भोर उजाले की,
उन राहों पे स्वागत करते,
घटा टोप अन्धियारे भी।
इन घटाटोप अंधियारों का,
संज्ञान अति आवश्यक है,
गर तम से मन घन व्याप्त हो,
सारे श्रम निरर्थक है।
श्रम ना कोई छोटा होता ,
कार्य ना कोई बड़ा महान,
सबकी अपनी अपनी ऊर्जा,
विधी का है यही विधान।
शिशु का चलना गिरना पड़ना,
है सृष्टि के नियमानुसार,
बिना गिरे धावक बन जाये,
बात न कोई करे स्वीकार।
जीवन में गिर गिर कर हीं,
नर सीख पाता है पद ज्ञान,
मात्र जीत जो करे सु निश्चित,
नहीं कोई ऐसा विज्ञान।
सौ हार पर एक जीत की ,
खुशबू है गुमनाम नहीं,
प्रति रोध का टिक जाना हीं,
अवरोधित श्रम दान नहीं,
एक फूल का मिट जाना हीं,
उपवन का अवसान नहीं।
Who is boss
-
Once husband & wife ,
decided to toss,
You are my boss or
Am I your boss?
Husband was certain that
he was, with a grin,
But little did he know,
What was ...
1 month ago
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