Friday, November 8, 2024

धीरे धीरे साँझ देवी आवस त

 

धीरे धीरे साँझ देवी आवस त ,देखि देखि चाँद मुस्काले हे ।

चमके चाँदनिया के चुनरी त ,देखि देखि चाँद अगड़ाले हे ।

धरती सहेलिया से गले गले मिलली ,गले गले मिलली हो 

गले गले मिलली।

सोना अइसन छिड़के किरिणिया,आ मने मने चाँद हरषाले हे । 

धीरे धीरे कुमूदनी सखिया के दिलवा फुलाइल 

दिलवा फुलाइल हो दिलवा

झींगुर के झलके पैजनिया कि सुनि सुनि चंदा जुड़ाले हे । धीरे धीरे

कहीं क हीं छिपी छिपी झाँके भगजोनिया हो झाँके भगजोनिया हो 

"आशावादी" देखि अगड़ाले कि चाँद कइसे अंखिया निहारे हे। धीरे

 

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