धीरे धीरे
साँझ देवी आवस त ,देखि देखि
चाँद मुस्काले हे ।
चमके
चाँदनिया के चुनरी त ,देखि देखि
चाँद अगड़ाले हे ।
धरती
सहेलिया से गले गले मिलली ,गले गले
मिलली हो
गले गले
मिलली।
सोना अइसन
छिड़के किरिणिया,आ मने मने
चाँद हरषाले हे ।
धीरे धीरे कुमूदनी सखिया के दिलवा फुलाइल
दिलवा
फुलाइल हो दिलवा
झींगुर के
झलके पैजनिया कि सुनि सुनि चंदा जुड़ाले हे । धीरे धीरे
कहीं क हीं
छिपी छिपी झाँके भगजोनिया हो झाँके
भगजोनिया हो
"आशावादी" देखि अगड़ाले कि चाँद कइसे अंखिया
निहारे हे। धीरे
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