Friday, November 8, 2024

प्रिय की नजर में प्रिये महान होती है

 

प्रिय की नजर में प्रिये महान होती है,

सब लोगों से बढ़कर वह गुणवान होती है,

"आशावादी" का कथन सत्य है साथी,

चाँद से भी सुन्दर इंसान होती है।

हे प्रियदशिनी, तुम्हीं बताओ कैसे गीत सुनाऊँ मैं ।

नहीं लेखनी की क्षमता है तुमपर काव्य बनाऊँ मैं ।।

स्वर्ण लेखनी हो, अमृत की स्याही यदि मेरे पास में,

लिख पाता कविता तुमपर यदि काव्य शक्ति हो पास में,

सच्च कहूँ मुझे शब्द न मिलते, प्रिये तेरा गुण गाऊँ मैं । हे

तेरे मुख मंडल की तुलना चाँद से कैसे कर सकता,

दाग है उसमें इसीलिए तो उपमा नहीं मैं दे सकता,

तू तो स्वच्छ दर्पण जैसी हो, उपमा कहीं न पाऊँ मैं । हे"

हे गुलाब में सरस मधुरता फिर भी कांटे होते हैं,

चुभ जाते छुने वाले को, दुखदायी तब होते हैं,

तू तो हमेशा सुखदायी हो, तुम सा फूल न पाऊँ मैं। हे .

 

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