सुत उठ के दिल क्या मांगे,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
सुबह शाम सब गुनगुनाएं,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!फोन उठाओ, फिर सोचो,अरे ओ.टी.पी. कहां से लाओ?
पेटीएम हो या बैंक का झंझट,सारे काम में ये क्यों लाओ?
फ़ोन करो या बिल भरो तुम,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
दूध पियो या चाय पियो तुम,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
हर तरफ बस यही माया है,ओ.टी.पी. का ही तो साया है!
ऊपर वाले की महिमा में,अब ओ.टी.पी. भी आया है!
अब हर जगह इसका ही डंका,बिन इसके सबकुछ सूना सूना!
जिंदगी की धड़कन बन जाए,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
सिक्स डिजिट का ये जादू,हर किसी पर है चढ़ा भूत सा!
पैसा हो या हो ट्रांजैक्शन,बस ओ.टी.पी. का ही राग सुना!
फ़ोन करो या बिल भरो तुम,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
दूध पियो या चाय पियो तुम,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
अब तो सब मिलके बोलें,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
ओ.टी.पी. की महिमा गाएं,ओ.टी.पी. भैया ओ.टी.पी.!
No comments:
Post a Comment