बुद्धि अर्थ में बेहतर कौन ,
प्रश्न कठिन था उत्तर मौन ?
कठिन प्रश्न था आखिर चिंटू ,
तन मन उलझा भारी।
ज्ञान या पैसे के पीछे ,
अपनी करे सवारी।
अपनी उलझन लेके चिंटू ,
पहुंचा पिंटू पास।
चुटकी में वो सुलझ गई ,
जो भी उलझन थी खास।
पिंटू बोला जो सुलभ हो ,
तो क्यों भागे पीछे।
जिसे प्राप्त करना हो मुश्किल,
चल तू आँखे मींचे ।
अर्थ बहुत मुश्किल से मिलता ,
जिससे भी तू मांगे ।
और ज्ञान तो सब देते हैं ,
बिन बोले बिन मांगे ।
इसीलिए कहता हूँ चिंटू ,
पैसा रख तू पास।
यही ज्ञान है बिन पैसे का,
कर ले तू विश्वास।
अजय अमिताभ सुमन
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