Wednesday, November 6, 2024

कंक्रीट



तपती धूप की मारी जनता, पशु पंछी व गाय, 
बदन जले है अगन चले है, कहाँ से लाये राय। 
चला चक्र ये अजब काल का, भूले मठ्ठा सत्तू, 
फिर कैसे लू गर्मी से बच पाए जीव व जंतु। 
पेड़ काट के ए. सी. कूलर. फ्रिज. तो रहे चलाय, 
पर कैसे तुम ले आगे ,ठंडक पी कर चाय। 
वन नदिया को चलो जिलाओ यही मात्र उपाय, 
धरती की हरियाली का ना कंक्रीट पर्याय। 

अजय अमिताभ सुमन

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