Sunday, August 15, 2021

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-17

 

इस दीर्घ कविता के पिछले भाग अर्थात् सोलहवें  भाग में दिखाया गया जब कृपाचार्य , कृतवर्मा और अश्वत्थामा पांडव पक्ष के बाकी   बचे हुए जीवित योद्धाओं का संहार करने का प्रण लेकर पांडवों के शिविर के पास पहुँचे तो वहाँ उन्हें एक विकराल पुरुष पांडव पक्ष के योद्धाओं की रक्षा करते हुए दिखाई पड़ा। उस महाकाल सदृश पुरुष की उपस्थिति मात्र हीं कृपाचार्य , कृतवर्मा और अश्वत्थामा के मन में भय का संचार उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त थी ।कविता के वर्तमान भाग अर्थात् सत्रहवें भाग में देखिए थोड़ी देर में उन तीनों योद्धाओं  को ये समझ आ गया कि पांडव पक्ष के योद्धाओं की रक्षा कोई और नहीं , अपितु कालों के काल साक्षात् महाकाल कर रहे थे । यह देखकर कृपाचार्य , कृतवर्मा और अश्वत्थामा के मन में दुर्योधन को दिए गए अपने वचन के अपूर्ण रह जाने के भाव मंडराने लगते हैं। परन्तु अश्वत्थामा न केवल स्वयं के डर पर विजय प्राप्त करता है अपितु सेनापतित्व के भार का बखूबी संवाहन करते हुए अपने मित्र कृपाचार्य और कृतवर्मा को प्रोत्साहित भी करता है। प्रस्तुत है दीर्घ कविता "दुर्योधन कब मिट पाया " का सत्रहवाँ भाग।

वक्त  लगा था अल्प बुद्धि  के कुछ तो जागृत होने में,
महादेव से  महा काल  से  कुछ  तो  परीचित होने में।
सोंच पड़े  थे  हम  सारे  उस  प्रण का रक्षण कैसे  हो ?
आन पड़ी थी विकट विघ्न उसका उपप्रेक्षण कैसे हो?

मन में  शंका के बादल सब उमड़ घुमड़ के आते थे ,
साहस जो भी बचा हुआ था सब के सब खो  जाते थे 
जिनके  रक्षक महादेव  रण में फिर  भंजन हो कैसे? 
जयलक्ष्मी की नयनों का आखिर अभिरंजन हो कैसे?

वचन दिए थे जो मित्र को निर्वाहन हो पाएगा क्या?
कृतवर्मा  अब तुम्हीं कहो हमसे ये हो पाएगा क्या?
किस बल से महा शिव  से लड़ने का  साहस लाएँ?
वचन दिया जो दुर्योधन को संरक्षण हम कर पाएं?

मन  जो  भी  भाव निराशा के क्षण किंचित आये थे ,
कृतवर्मा  भी हुए निरुत्तर शिव संकट बन आये  थे
अश्वत्थामा   हम  दोनों  से  युद्ध  मंत्रणा  करता  था ,  
उस क्षण जैसे भी संभव था हममें साहस भरता था

बोला  देखों  पर्वत  आये  तो चींटी   करती है क्या ?
छोटे छोटे  पग उसके पर वो पर्वत से डरती  क्या ?
जो  संभव  हो  सकता उससे वो पुरुषार्थ रचाती है ,
छोटे हीं   पग उसके  पर पर्वत मर्दन कर जाती है

अजय अमिताभ सुमन: सर्वाधिकार सुरक्षित

No comments:

Post a Comment

My Blog List

Followers

Total Pageviews