राष्ट्र का नेता कैसा हो?
जो रहें लिप्त घोटालों में,जिनके चित बसे सवालों में,
जिह्वा नित रसे बवालों में,
दंगा झगड़ों का क्रेता हो?
क्या राष्ट्र का नेता ऐसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो?
जन गण का जिसको ध्यान नहीं,
दुख दीनों का संज्ञान नहीं,
निज थाती का अभिज्ञान नहीं,
अज्ञान हृदय में सेता हो,
क्या राष्ट्र का नेता ऐसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो?
जो अनसुनी करे फरियादें ,
करता रहे बस खाली वादें ,
हो नियत नेक ना इरादे ,
कि फ़कत मात्र अभिनेता हो,
क्या राष्ट्र का नेता ऐसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो?
निज परिवार की हीं सोचे,
जन के तन मन धन को नोंचे,
रचते रहे नित नए धोखे,
क्या कलियुग हो, क्या त्रेता हो,
क्या राष्ट्र का नेता ऐसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो?
जो अरिदल का सम्मान करें,
हो राष्ट्र भक्त अपमान करे,
औ जाति धर्म विषपान करे,
जन को विघटित कर देता हो,
क्या राष्ट्र का नेता ऐसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो?
चाहे कोई हो मज़बूरी,
जनता से बनी रहे दूरी,
वादें कभी भी ना हों पूरी,
पर वोट नोट से लेता हो,
क्या राष्ट्र का नेता ऐसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो?
ऐसों से देश बनेगा क्या?
ऐसों से देश बचेगा क्या?
कोई अब और कहेगा क्या?
जो राष्ट्र मर्म विक्रेता हो,
क्या राष्ट्र का नेता ऐसा हो?
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