झगड़
रगड़,
धगधग जकड़,
धड़ पकड़,
अरि की गर्दन पकड़।
अरि सर — समर
डगर डगर
उठा कहर
बन लहर
छेड़ ज़हर
अरि दल पर प्रहर
तू अड़,
तू चढ़,
तू बढ़,
तू लड़!
[Bridge]
Left or Right
Day or Night
Darkness or Light
Just War in Sight
Be Ready for Fight
[Bridge]
ना भय का नाम, ना पीठ में वार,
ना पीछे हटना, ना हार स्वीकार।
हर साँस रण का शंखनाद,
हर दृष्टि में समर का व्रत,
हर कदम अग्निपथ।
[Bridge]
चट्टानसम संकल्पः
दृढं च हृदयं याचते।
हे वीर योद्ध!
रणं ते, शोणितं याचते।
यदि ख्यातिं तू चाहता,
यदि अमरत्वं तू माँगता,
तर्हि तू समर को आलिंगन कर।
स्वर्ग प्राप्तिः मृत्यु के द्वार से हीं होती।
[Bridge]
इरादों में हो आग,
बोलों में हो वज्र,
वाणी में हो युद्धघोष,
कर लो आज सृजन — महाभीषण रोष।
चट्टान से इरादे,
जिगर सख़्त, फौलाद सी बाहें,
गिद्ध सी निगाहें,
सिंह का संबल, गज सा बल,
गैंडे सी ढाल, चीते की चाल।
अब तू सृज युद्ध का तांडव
ना कर मौन, तू बन वज्र संकल्प।
जब रणभेरी गूंजे,
तब निडर बन तू शस्त्र उठा।
ना कर विलंब, ना ढूंढा बहाना,
रण ही तेरा तप है, यही अब यज्ञस्थल।
[Bridge]
Winds may howl, skies may burn,
Still the tide of fate you must turn.
For justice won’t wait, nor history sleep,
You sow today what tomorrow shall reap.
[Bridge]
तो देख —
रण भेरी फिर से करती निनाद,
शस्त्रों से कर संवाद,
निज वस्त्र त्याग,
धधकता हो उर-आग।
कर सिंहनाद,
मत भाग आज,
ना चुप हो आज,
ले आग आज,
तू जाग आज,
गा समर राग!
बिजली से तेज़,
अंधड़ सा तू चल,
चीर दे तमस,
तू बन स्वयं विकल।
कर हुंकार, तू कर प्रहार,
अरि दल पर,
भीषण वार!
[Bridge]
रगड़!
जकड़!
झकझोर!
समर!
अरि पर
बन कहर!
गर्दन पकड़!
मर्दन कर!
धर!
चढ़!
बढ़!
मार या मर!
हो जाओ अमर!
युद्ध कर!
युद्ध कर!
हाँ, युद्ध कर!
[Bridge]
If you seek your name to shine,
You must step across the line.
If you crave the stars in sky,
You must bleed, and you must die.
[Bridge]
झगड़!
रगड़!
अड़!
चढ़!
बढ़!
लड़!
युद्ध कर!
युद्ध कर!
हाँ युद्ध कर!
स्वर्ग स्वयं बुलाएगा —
मगर तुझे मरना हीं होगा।
मरना तुझे हीं होगा।
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