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बिन बोले सुन पाता कौन?
जो प्यासा पानी को कहता ,
अक्सर उसकी प्यास मिटी है,
जो निज हालत रोता रहता,
कबतक उसकी सांस टिकी है?
बिना जुबां कटते जीव जंतु,
छंट जाते सब पादप तंतु।
कहने वाले की सब सुनते,
गूंगे तो चुप रह जाते मौन ।
न्याय मिले क्या हक़ ना मांगो,
बिन बोले सुन पाता कौन?
अजय अमिताभ सुमन
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