मेरे वीरो, झंडे की लाज बचाना, तू आगे कदम बढ़ाना,
शहीदों का
निशान है, यह लाखों हिन्दुस्तानियों की शान
है ।।
जब जब हम
सुनते हैं आजादी की कथाएँ, खून हमारा खौल उठे,
कितने
जवानों ने जवानी भी दे दी, फाँसी के तख्ते पर वे झूल उठे,
प्राण
गँवाये हँसते हँसते, सुनकर नयना बरसे,
ओ दिवाना, तू उनकी आन बचाना, भारत की शान बढ़ाना,
आजादी की
पहचान है। यह लाखों........
सात शहीदों
ने सीने पर गोली खाई, फिर भी झंडा फहराये,
अपने माँ
पिता के थे वे भी दुलारे, मर कर झंडा लहराये,
प्राण
गँवाये फिर भी वे, मस्तक ना कभी झुकाए,
हिम्मत वालो, झंडा यह कभी ना झुके, तेरा यह कदम ना रुके,
है कहता
हिन्दुस्तान है । यह लाखों
दीप आजादी
का जलाते रहेंगे, तू की दरिया बह जाये,
दुश्मन के
मंसूबे मिटाते रहेंगे, प्राण रहे चाहे चल जाये,
साहस वालो, तू अपना लहू बहाना, भारत की शान बढ़ाना,
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