Tuesday, November 5, 2024

लगता है उसको व्यापार आ गया

दिल की जो बातें थी सुनता था पहले,
सच ही में सच था जो करता था पहले।
करने अब सच से  खिलवाड़ आ गया,
लगता है उसको व्यापार आ गया।
कमाई की खातिर दबाता है सब को ,
सता कर औरों को उठता है खुद को।
कि जेहन में  उसके अंगार आ गया,
लगता है उसको व्यापार आ गया।
 
मुनाफा की बातें ही बातें जरूरी।
दिन में जरूरी रातों को जरूरी।
अब वादों में उसके करार आ गया,
लगता है उसको व्यापार आ गया।
पैसे की चिंता हीं उसको भगाती,
दिन में बेचैनी रातों को जगाती।
अब रिश्तों  में उसके दरार आ गया,
लगता है उसको व्यापार आ गया।

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